बचपन में भारत औऱ वेस्टइंटडीज के बीच क्रिकेट मैच देखते वेस्टइंडीज टीम के लोगो पर हमेशा नजर जाती थी. समुद्र के किनारे लगा नारियल का पेड़, एक तरफ जमीन में गड़े विकेट, और ऊपर चमकता सूरज. विकेट देखकर संदेह होता था कि यह नेशनल फ्लैग है या क्रिकेट फ्लैग ?
खोजने पर पता चला कि यह किसी देश का राष्ट्रीय ध्वज नहीं है. ये वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम का लोगो है. और वेस्टइंडीज कोई देश ना होकर कई देशों का समूह है. जो आपस में मिलकर सिर्फ क्रिकेट खेलते हैं.
कैरेबियन द्वीप समूह में 28 देश औऱ 3000 से भी अधिक द्वीप हैं. जिनमें से ज्यादातर द्वीप उत्तरी अटलांटिक सागर में अमेरिका और मैक्सिको की पूर्वी दिशा में स्थित हैं. इन 28 देशों में से कुछ पर आज भी फ्रांस और इंग्लैंड का कब्जा है. कैरेबियन देशों के ज्यादातर लोग अफ्रीकी मूल के हैं. इसके अलावा भारतीय, चीनी और यूरेपियन मूल के लोग भी यहाँ रहते है. क्यूबा सबसे बड़ा कैरेबियन देश है. ये लोग अपने लिए “कई द्वीप, एक देश” का नारा लगाते हैं.
वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम में इन 28 में से सिर्फ 15 देशों के खिलाड़ियों को ही चुना जाता है. जिसमें से ज्यादातर खिलाड़ी गुयाना, त्रिनिदाद, जमैका और टोबैगो से आते हैं. इसके अलावा बरमुडा, बारबाडोस, सेंट किड्स व नेविस, डोमिनिका, सेंट लूसिया आदि देशों से भी खिलाड़ी चुने जाते हैं.
वेस्टइंडीज का इतिहास 1890 से शुरु होता है. जब इसने पहली बार इंग्लैंड की मेजबानी की थी. 1920 में वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) बना. इसने 1926 में इंपीरियल क्रिकेट कांफ्रेंस की सदस्यता ग्रहण करके 1928 में पहला अधिकारिक टेस्ट खेला. जिसमें इंग्लैंड के खिलाफ 58 रन से टीम हार गई थी.
वेस्टइंडीज के खिलाड़ी मैच से पहले नेशनल एंथम की जगह ‘क्रिकेट एंथम’ गाते हैं. क्योंकि टीम में कई देशों के खिलाड़ी शामिल रहते हैं. साथ ही टीम के झंडे को ‘क्रिकेट फ्लैग’ कहा जाता है.
एक समय वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे मजबूत टीम होती थी. उसने 1975 में पहला और 1979 में दूसरा क्रिकेट वर्ल्डकप दोनों अपने नाम किए. जिसमें विवियन रिचर्डस, मैल्कम मार्शल, क्लाइव लॉयड और माइकल होल्डिंग जैसे धुरंधर खिलाड़ी शामिल थे.
2004 में वेस्टइंडीज ने चैंपिंयस ट्रॉफी अपने नाम की. साथ ही वेस्टइंडीज दो टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली दुनिया की इकलौती टीम है.
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