जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की कल दोपहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के समय आबे जापान के नारा शहर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. हत्या करने वाले शख्स ने उन्हें पीछे से दो गोलियाँ मारीं. जिसके बाद आबे को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. जापान जैसे सुरक्षित और शांत देश में इस तरह दिनदहाड़े एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या देश की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़ा करता है.
जापान जैसे देशों से आमतौर पर राजनीतिक हत्या की खबरें नहीं आती हैं. लेकिन इसके बावजूद वहाँ राजनीतिक हत्याओं का एक लंबा इतिहास रहा है. दूसरे विश्वयुध्द से पहले इस तरह की घटनाएँ आम हो गई थीं. लेकिन अंतिम घटना 18 अप्रैल 2007 में हुई थी. जब नागासाकी के पूर्व मेयर इक्को इतोह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके पहले 2002 में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता कोकि इसी की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी गई थी.
2002 की इस घटना से पहले 40 साल पहले राजनीतिक हत्या हुई थी. 1960 में समाजवादी नेता इनेजिरो असानुमा को एक दक्षिणपंथी कट्टरवादी तेतसुआ शिरू ने पेट में छुरा घोंपकर हत्या कर दी थी. जब वे एक टेलीविजन चैनल में बहस के दौरान बोल रहे थे.
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री तकाहाशी कोरेकियो की 26 फरवरी 1936 में हत्या कर दी गई थी. कोरेकियो देश के वित्तमंत्री और बैंक ऑफ जापान के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे. उनकी आर्थिक नीतियों ने जापान को 1929 की वैश्विक मंदी से निकालने में अहम भूमिका निभाई थी. इसी दिन देश में एक अन्य राजनेता साइतो मकोतो की भी हत्या कर दी गई थी. वे जापानी नौसेना में अधिकारी रह चुके थे तथा बाद में राजनीति में आए थे.
मई 1932 में देश के एक अन्य प्रधानमंत्री इनुकई त्सुयोशी की भी हत्या कर दी गई थी. वे जापान के दूसरे सबसे बुजुर्ग प्रधानमंत्री थे. उनकी हत्या 76 वर्ष की उम्र में कर दी गई थी. प्रधानमंत्री के अलावा वे देश के दूसरे प्रमुख पदों पर भी रह चुके थे. उसी वर्ष फरवरी में देश के पूर्व वित्तमंत्री जुनोसुके इनौए की भी हत्या कर दी गई थी. वे एक व्यापारी और बैंक ऑफ जापान के पूर्व गवर्नर भी रह चुके थे.
1930 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री ओसाची हमगुची के ऊपर एक कट्टर दक्षिणपंथी ने हमला कर दिया था. खुशकिस्मती से हमले में उनकी जान बच गई थी. लेकिन घटना के नौ महीने बाद हमले वाली जगह में खतरनाक इन्फेक्शन होने के कारण अगस्त 1931 में उनकी मौत हो गई थी.
इसके अलावा नवम्बर 1921 में शिंजो अबे की तरह पूर्व प्रधानमंत्री हारा तकाशी की भी हत्या कर दी गई थी. इसी वर्ष फरवरी में कैबिनेट मंत्री होशी तोरू की भी हत्या कर दी गई थी.
इसके पहले भी 1889, 1878 और 1876 में भी राजनेताओं की हत्या की जा चुकी है. दर्ज आँकड़ों के अनुसार जापान में इस तरह की पहली हत्या 1860 में हुई थी. जिसके बाद एक नियमित अंतराल पर इस तरह की वारदातें देश में होती रही हैं.
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